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घर में किसी परिजन की अभी शादी हुई है?  चिंता लगी है कि शादी समाप्त होने के बाद वरमाला का क्या करें ?

इस प्रश्न का निवारण लेकर आई हूँ, मैं संस्कारी सुरभि।

शादी समाप्त होने के बाद वरमाला का क्या करें

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शादी समाप्त होने के बाद वरमाला का क्या करें ?Most Appropriate Disposal 

आखिर शादी के बाद वरमाला के साथ उचित बर्ताव क्यों ज़रूरी है। वो उचित व्यवहार क्या होना चाहिए?   

समय व्यर्थ क्यों करें जानते हैं उत्तर। 

शादी के बाद क्यों ज़रूरी है वरमाला संग उचित व्यवहार 

विवाह से जुड़ी रस्मों और पूजा पाठ के साक्ष्य स्वयं देवी देवताओं को माना जाता है। ऐसे में इसकी इनसे जुड़ी हर वस्तु के साथ उचित सलूक आवश्यक है।  

वरमाला विवाह का शुभ प्रारम्भ है। इसे पहने वर और वधु को फेरों के समय स्वयं शिव और पार्वती अथवा लक्ष्मी नारायण का प्रारूप कहा जाता है। क्या ऐसी माला सिर्फ माला है शुभ नहीं ? फिर किसी शुभ वस्तु को यूँ ही फेंकना कैसे उपयुक्त होगा? 🙂

क्या हो वरमाला के साथ उचित सलूक 

वरमाला प्राकृतिक फूलों की होती है पर आजकल बाजार में कृत्रिम (Artificial) फूलों की माला भी आ रही है और प्रयोग भी हो रही है। दोनों के संग व्यवहार भी अलग है। 

शादी के बाद प्राकृतिक फूलों की वरमाला का क्या करें 

फूल प्रकृति की भेंट हैं और प्रकृति में ही समाहित हो जाते हैं। वैदिक संस्कृति में परंपरा है कि कोई भी शुभ वस्तु का निस्तारण करना हो तो उसको बहते जल में प्रवाहित कर दिया जाए। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि वह बहता जल हो क्योंकि उस जल में इतनी क्षमता होती है कि वो इन फूलों अथवा प्राकृतिक वस्तुओं को अपने अंदर रासायनिक प्रक्रिया के द्वारा समाहित कर लेता है।  

यहाँ हमें बेहद जिम्मेदारी से यह भी ध्यान रखना होगा कि यह एक रासायनिक प्रक्रिया होती है जो प्राकृतिक वस्तुओं के साथ संभव है artificial चीजों के साथ नहीं। ये परम्पराएं तबसे चली आ रही हैं जब artificial वस्तुओं का प्रयोग ही नहीं होता था। अगर आपकी वरमाला में फूलों के संग कोई कृत्रिम वस्तु हो तो उसे निकाल लें।   

शादी के बाद वरमाला का ecofriendly निपटारा क्या है जिससे नदियां भी प्रदूषित न हों 

आजकल अन्य प्रदूषक तत्वों से हमारी नदियां निरंतर प्रदूषित हो रही हैं। ऐसे में उनका बहाव पूजा पाठ की शुभ सामग्री को प्रवाहित करने से भी अवरुद्ध हो जाता है। शोधकर्ता और वैज्ञानिक इन वस्तुओं को नदियों में प्रवाहित करने के पक्ष में नहीं हैं।  

अगर आपका भी यही मत है तो निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आप इसे गमले में मिट्टी में मिला दें। इससे शुभ वस्तु का तिरस्कार भी नहीं होगा और यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाएगी। आप चाहे तो इस गमले में कोई पक्का पौधा लगा दें जो एक यादगार बन जायेगा।     

शादी के बाद artificial फूलों से बनी वरमाला का क्या करें 

यहां समस्या है। आप इस शुभ वस्तु को यूँही छोड़ नहीं सकते और प्राकृतिक नहीं है तो प्रकृति को लौटा भी नहीं सकते। इस वरमाला को आपको आपने पास ही यादगार स्वरुप अपने पलंग के बॉक्स में संभाल कर रखें।      

अगर आप मेरा ब्लॉग शादी से पहले पढ़ रहे हैं तो मेरा विनम्र निवेदन है आप प्राकृतिक फूलों से बनी वरमाला ही प्रयोग करें। अगर आप गहराई से सोचेंगे कि विवाह में वरमाला क्यों पहनाई जाती है तो अवश्य मेरा सुझाव समझ जायेंगे।  

आशा करती हूँ आपको अपनी समस्या का उचित समाधान मिल गया होगा और आप वरमाला का उपयुक्त निस्तारण कर पाएंगे।       

उम्मीद है मेरा ब्लॉग पसंद आया होगा। अपनी टिप्पणी और सुझाव मुझे comment section में अवश्य साझा करें।