अगर आप भी कोर्ट में शादी करना चाहते हैं तो अवश्य जानना चाहते होंगे कि Court Marriage में कितना खर्चा आता है ।
मेरे इस ब्लॉग में जानें कोर्ट मैरिज की लागत ।

Court Marriage में कितना खर्चा आता है ? Step-Wise Expenses
आज मेरे साथ जानें कोर्ट मैरिज का खर्च। शादी कैसे भी की जाए उसमें खर्च तो होगा और उसे थोड़ा कम करने की गुंजाइश भी होगी।
कम करने के लिए पता होना चाहिए न खर्च होगा कितना!
कोर्ट मैरिज में खर्च कहाँ होता है ?
Court Fees
यह कोर्ट को दिया जाने वाला ज़रूरी शुल्क है। इसकी राशि हर जगह की कोर्ट तय करती है। यह न्यूनतम शुल्क Hindu Marriage Act में 100 रुपये और Special Marriage Act से शादी करने पर 150 रुपये है।
Documentation पर खर्च
यहाँ आपके पहचान पत्र आदि की कॉपी लगाई जाती है। इसके अलावा कोर्ट के तय format में Affidavit [Special Marriage Act on Page No.23] देना होता है जिसमें दोनों की उम्र, शादीशुदा status आदि की घोषणा होती है। कोर्ट के बाहर ऐसे बहुत से वकील बैठे होते हैं जो ये काम 250 रुपये से 1000 रुपये तक कर सकते हैं। अगर आप यहां से Affidavit बनाते हैं तब पैसे देने से पहले format अच्छे से जांच लें। अगर यह कोर्ट के दिए format में न हुआ तो marriage officer आपको इसे दोबारा बनवाने को कह सकता है। ऐसे में समय और पैसा दोनों व्यर्थ होंगे।
वकील का खर्च
अगर आप खुद अपने कागज़ कोर्ट में लगाकर शादी करना चाहते हैं तब आप यह खर्च बचा सकते हैं। आज बहुत से लोग ऐसा करते हैं। अगर आप सहूलियत के लिए वकील नियुक्त करते हैं तब आपका समय वो अवश्य बचा लेता है। यहाँ वकील का खर्च उसकी reputation पर निर्भर करेगा। यह खर्च कुछ 2000 से 25000 तक जा सकता है। वकील नियुक्त करें तो खुद भी कोर्ट मैरिज का procedure अवश्य जान लें।
Miscellaneous खर्च
ऊपर दिए आवश्यक खर्च के अलावा भी आपका miscellaneous खर्च आ सकता है जैसे कागज़ों की फोटोकॉपी करना, कोर्ट के चक्कर लगने पर आने जाने का खर्च इत्यादि।
कुल मिलाकर अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि आप कोर्ट मैरिज 1000 रूपये से लेकर 25000 तक में कर सकते हैं। जो ज़रूरी है वो है कोर्ट और दस्तावेज का खर्च बाकी सब शुल्क सहूलियत का है।
You May Also Read
| भारत में court marriage कैसे की जाती है |
आशा करती हूँ आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और आप समझ चुके होंगे कि Court Marriage में कितना खर्चा आता है । अपने सुझाव मुझे comment section में अवश्य दें।

रस्म और रिवाज़ हैं, एक दूसरे के हमदम!
कलम से पहरा इनपर, रखती हूँ हर दम!