सगाई के बाद फोन पर क्या बात करें या शादी के पहले क्या बात करें ?
सगाई के बाद की बातचीत बहुत ज़रूरी हैं क्यूंकि ये गृहस्थी की नीव बनाती हैं। संस्कारी सुरभि संग जानें ऐसे ही मुद्दे।

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सगाई के बाद फोन पर क्या बात करें? 16 Conversation Starters
मंगेतर से क्या बात करें यह समझना बहुत आवश्यक है क्यूंकि यही वक़्त आपको जीवनसाथी के असल व्यक्तित्व से मिलाता है। बिना समय व्यर्थ गवाएं जानते हैं कि Fiance से बात करते समय किन बातों का ध्यान रखें।
1.
क्या मंगेतर शादी के फैसले से खुश है
अपनी भावनाओं को मंगेतर से जोड़ने के पहले जान लें, क्या आपका Fiance इस सगाई से खुश है। आपको उनके हाव भाव, आपसे बात करने में रुचि आदि को ध्यान में रखकर भी यह जानना होगा।
बात करने में रुचि से मतलब सब काम छोड़कर बस आपसे बात करना ही नहीं है। इस संतुलन को आप अपनी समझदारी से ही समझ सकते हैं।
2.
शादी और Career से जीवन में क्या आशा है
लड़का हो या लड़की, आज दोनों को शिक्षा के समान अवसर प्राप्त हैं। ऐसे में करियर से दोनों की अपनी अपनी आशाएं हैं।
लड़का चाह सकता है कि वह आगे चलकर नौकरी छोड़ अपना काम करे। लड़की जानना चाह सकती है कि दोनों कामकाजी हों तो घर की जिम्मेदारियां निभाने के लिए क्या प्रबंध होगा। इन बातों पर पहले ही सहमति होनी चाहिए ताकि बाद में सब सुचारू रहे।
3.
जानिए कौन उठाना चाहता है गृहस्थी की वित्तीय जिम्मेदारियां
बदल चुके समय में यह सर्वविदित है, लड़कियाँ भी वित्तीय जिम्मेदारियाँ बेहतर रूप से निभा सकती हैं। इसके साथ ही लड़के आजकल घर, रसोई और बच्चों को बहुत अच्छे से संभाल रहे हैं।
जब दोनों ही घर और वित्तीय जिम्मेदारी उठा सकते हैं तब घर नारी और व्यापार नर का कैसे हो सकता है। इस विषय पर खुल कर बात करें। सामाजिक दबाव में आकर नहीं बल्कि एक दूसरे के मन को टटोलें और परिवार को भी बताएँ।
4.
शुरुआत की बातों में न करें भविष्य के commitments
सगाई से शादी का सफर बड़ा मनभावन होता है और चारों तरफ बहार ही नज़र आती है। इस बहार में खोकर कल के कठोर वादे न करें।
भावनाओं में बहकर लोग वादे कर देते हैं जैसे हम नौकरी छोड़ देंगे, हम अलग जाकर अपनी गृहस्थी बसायेंगे। हमेशा ऐसा कर पाना संभव नहीं होता है। भविष्य की ऐसी बातों के फैसले उस वक़्त और उन हालातों पर ही छोड़ दें।
5.
जानें कि शादी के 5 साल बाद आपका fiance कैसी life imagine करता है
जब फोन पर बातें करनी ही हैं तो वक़्त ये भी व्यर्थ क्यों करना है। अपने होने वाले जीवनसाथी से जानें कि आज से 5 साल बाद वह कैसा जीवन चाहता है।
आज तो कोई जिम्मेदारी नहीं है पर कल समय अलग होगा। जानने का प्रयत्न करें कि क्या आप भविष्य की जिम्मेदारी वाली पिक्चर में फिट हो पाएंगे। ऐसा तो नहीं कि आज जो सुहावने वादे कर रहे हैं कल खुद ही उनको तोड़ने पर विवश हो जाएं!
6.
खेल खेल में जानें अपने प्रति दूसरे के विचार
एक दुसरे का दिल जीतने के लिए बातों में तारीफों के ढेर लग न लगाएं। इस वक़्त की बातों का कुछ मकसद है? मैं और मेरे पति शादी से पहले अक्सर games खेला करते थे जिनमें हम एक दूसरे को कुछ ranking दिया करते थे।
आप भी real life situations देकर पूछें कि ऐसे हालातों में दोनों का क्या reaction होगा। शर्त सिर्फ इतनी कि किसी को लुभाने के लिए जवाब नहीं देना बस सच बताना है। यकीन मानिये इससे हमें एक दूसरे को समझने में बहुत मदद मिली थी।
7.
घर में अपनी जिम्मेदारी और किरदार जरूर साझा करें
हर इंसान का अपने परिवार में कुछ अभिनय होता है जिसे किसी के आने से बदला नहीं जा सकता है। उस किरदार के बारे में अवश्य बातें करें।
लड़का लड़की दोनों की ही पारिवारिक जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उनके बारे में खुलकर बात करें और मंगेतर की मनःस्थिति को टटोलने का प्रयास अवश्य करें ताकि कल को निराश न हो।
8.
उनकी और घरवालों की जीवनशैली (lifestyle) पर चर्चा करें
हर इंसान और उनके परिवार का जीवन जीने का अपना अंदाज़ होता है। कोई जल्दी जागना पसंद करता है तो कोई सामान branded ही खरीदता है। एक व्यक्ति की जीवन शैली से पूरा परिवार प्रभावित होता है।
अपनी और अपने परिवार की जीवन शैली के बारे में भी बात करें। लोग judgement fear के चलते इस विषय में बात नहीं करते कि रिश्ता टूट जाएगा। अगर आज judge किया जाएगा तो ऐसा हमेशा होगा। क्या आप बाद में सह लेंगे ?
9.
रोज बात करें तो दिनचर्या के विषय में ज़रूर बात करें
जब फोन पर रोज रोज बात करनी हो तो सबसे पहले दिनचर्या पूछते हैं न! इससे एक दुसरे की परवाह का एहसास होता है।
इसके साथ ही आपको भावी जीवन साथी और उनकी आदतों को समझने में सहायता मिलती। आप उनसे जुड़े लोगों के बारे में भी जान पाते है चाहे वो परिवार में हैं, मित्रगण हैं या दफ्तर में।
10.
Family Planning के विषय में अवश्य बात करें
सगाई में गोद भराई पर खिलौना दिया जाता है। समझ जाना चाहिए कि यह लड़की से की जाने वाली आशाओं का सूचक है। यह तो खुलेआम रिश्तेदारों के सामने होता है। फिर मंगेतर से खुलकर इस विषय में बात क्यों न की जाए?
शादी के बाद बच्चे plan करना न करना या कितना wait करना है, यह हर इंसान की व्यक्तिगत choice है। ऐसे में होने वाले पति पत्नी का पहले से ही एक पृष्ठ पर होना आवश्यक है।
11.
एक दूसरे की अच्छी लगी बातों की सराहना अवश्य करें
यह तो आप अब समझ रहे होंगे कि इस समय की बातचीत का मकसद प्यार जताना नहीं बल्कि जीवन को सुखद बनाने के लिए आज को तैयार करना है। ऐसे में सराहना तो अवश्य होनी चाहिए।
चापलूसी नहीं सराहना ! एक दूजे की जो बात आपके मन को भा गई है उनके लिए भावी जीवनसाथी की सराहना अवश्य करें। ऐसा करके ही आप कम या ना पसंद बातों को उनके सामने प्यार और सम्मान से रख पाएंगे।
12.
मिलकर भविष्य की छोटी छोटी योजनाएं बनाएं
मैं छोटी थी तो मुझे लगता था, मैं कैसे शादी के बाद मम्मा जैसे घर संभाल पाऊँगी। गृहस्थ जीवन में कितने ही फैसले लेने पड़ते हैं। क्यों न उनकी testing आज से करें?
छोटी छोटी योजनाएं साथ में बनाएं। इससे आप जान सकते हैं कि भविष्य की योजनाओं में आपके मत को कितनी जगह मिलेगी। मत सही या गलत हो सकता है पर सुनवाई बराबर होनी चाहिए।
13.
अपनी वित्तीय जिम्मेदारी साझा करें
Income के साथ expense भी जुड़ा होता है। शादी तय करते समय आय तो सब पूछते हैं पर व्यय की बात कोई नहीं करता। ये बातें आप दोनों की जिम्मेदारी है।
एक दूसरे की वित्तीय जिम्मेदारी जानने की कोशिश करें तभी आप भविष्य की अपनी योजनाओं के लिए पैसा बचा सकते हैं। यह बहुत से शादियों में तलाक का कारण बनता है तो इस विषय पर स्पष्ट बात करें।
14.
सिर्फ मंगेतर ही नहीं उनके प्रिय जनों के विषय में भी बात करें
लड़का हो या लड़की, दोनों अपने परिवार और रिश्तेदारों के प्रति एक दुसरे से अपने जैसी ही आत्मीयता की उम्मीद करते हैं ।
ज़रूरी है न फिर की आप Fiance से उनके परिजनों के विषय में भी चर्चा करें। आखिर आप परिवार ही तो बनाने जा रहे हैं दोस्त नहीं!
15.
अपने बचपन की यात्रा साझा कर उनकी यात्रा समझें
सिर्फ आने वाले कल की नहीं बल्कि बीते कल की भी बातें करें। आप अपना बचपन साझा कर उनसे उनकी बचपन यात्रा जानें।
इससे आपको एक दुसरे के व्यवहार की वजह समझ आएगी। आप जान पाएंगे उनके जीवन में किन लोगों का महत्त्व है जिन्होंने उनके व्यक्तित्व को बचपन से आकार दिया है।
16 .
जो भी बात करें प्यार और अपनापन जताना न छोड़ें
सगाई से शादी तक के इस सुनहरे सफर में आपकी वार्तालाप का विषय सिर्फ शादीशुदा रिश्ते की तैयारी ही नहीं होनी चाहिए। हर बात पर चर्चा प्यार, अपनेपन और सम्मान से भी होनी चाहिए।
आखिर आप प्रियतम या प्रेयसी से नहीं बल्कि भावी जीवनसाथी से बात कर रहे हैं तो बातों में प्यार हो पर मुद्दे भी स्पष्ट हों।
सगाई के बाद फोन पर क्या बात करें , यह सवाल सिर्फ Arranged Marriage के लिए नहीं Love Marriage के courtship पर भी लागू होता है। जब शादी का फैसला कर चुके हैं तो सात फेरों के वचन से पहले बातचीत के मुद्दे शादी वाले ही होने चाहिए।
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रस्म और रिवाज़ हैं, एक दूसरे के हमदम!
कलम से पहरा इनपर, रखती हूँ हर दम!