क्या आप जानना चाहते कि भारत में court marriage कैसे की जाती है ? यदि हाँ! तो आप सही जगह पहुंचे हैं।
मेरे ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया।

भारत में court marriage कैसे की जाती है ? A Complete Guide
आपको court marriage करनी है पर समझ नहीं आ रहा है कोर्ट मैरिज कहाँ पर होती है या जानना चाहते हैं कि आप घर बैठे कोर्ट मैरिज कैसे करें?
इन सवालों का उत्तर ढूंढिए मेरे साथ।
कोर्ट मैरिज कौन कर सकता है
भारत में कोर्ट मैरिज Special Marriage Act के अंतर्गत होती है। इसके लिए लड़का लड़की का कुछ शर्तें पूरी करना अनिवार्य हैं-
- लड़का-लड़की एक दुसरे के साथ Act के Schedule I में दिए प्रतिबंधित रिश्ते में न हों। ये रिश्ते विवाह के लिए प्रतिबंधित हैं।
- यह शादी एक legal contract है। इसे sign करने के लिए हस्ताक्षरकर्ता का मानसिक रूप से स्वस्थ होना ज़रूरी है।
- विवाह आवेदन के समय लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होनी चाहिए।
- आवेदक किसी जीवित इंसान के साथ शादीशुदा रिश्ते में न हों।
कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया क्या है
Step1
Marriage Officer को विवाह के लिए Notice

Special Marriage Act के schedule II (पेज no. 22) पर दिए format में अपना व् साथी का नाम, उम्र, स्थायी पता, स्थानीय पता, काम, स्थानीय पते पर कब से रह रहे हैं आदि जानकारी दी जाती है। Marriage Officer को शादी करने की इच्छा ज़ाहिर करते हुए यह नोटिस या मैरिज application form भर अन्य आवश्यक documents के साथ भेजें। आप क्षेत्रीय रजिस्ट्रार website पर online यह नोटिस दे सकते हैं।
ज़रूरी है कि लड़की एवं लड़के में से एक इस क्षेत्र में कम से कम एक महीने से रहता हो। MO documents verify करता है और नोटिस को अपने ऑफिस में लगाता है। अगर आपका स्थायी पता किसी और ऑफिसर की jurisdiction में आता है तब यही नोटिस उस ऑफिसर को भी MO भेजता है जहाँ ये इसी प्रकार वहां के ऑफिस में लगता है। अगर किसी को इस विवाह से आपत्ति है तो वो अगले 30 दिन के अंदर दर्ज करा सकता है।
Step 2
विवाह आवेदन पर आपत्ति दर्ज होने की स्थिति
नोटिस के 30 दिन के अंदर ही आपत्ति मान्य होती है। दर्ज होने पर MO को अगले 30 दिन के अंदर आपत्ति की जांच परख करनी है। ऐसे में objection उठाने वाला व्यक्ति अपनी शिकायत वापिस ले या फिर MO आश्वस्त हो जाए कि objection विधिपूर्ण नहीं है तब वह विवाह की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता। अन्यथा rejection order पास होता है।
अगर आप इस आर्डर से आश्वस्त नहीं हैं तब आप इसके खिलाफ District Court में याचिका दे सकते हैं। District Court का फैसला MO के लिए बाध्य होता है।
Step 3
विवाह की प्रक्रिया
विवाह की मंजूरी मिलने पर या step1 के notice के 30 दिन समाप्त होने पर लड़का और लड़की Marriage Office में शादी के लिए टोकन ले सकते हैं। ध्यान रहे कि आप सभी original documents उनकी 5 फोटोकॉपी, affidavit और witness के पहचान पत्र संग उनकी फोटोकॉपी लेकर जाएं। Witness भी यहाँ प्रस्तुत होते हैं।
अगर MO को सभी आवश्यक कागज़ मिल जाते हैं तब MO लड़का लड़की को विवाह की कसम दिलाते हुए marriage order sign कर देता है। Certificate प्राप्त करने से पहले सरकारी शुल्क का चालान जमा करना होता है। Certificate पर लड़का, लड़की, Marriage Officer और witness हस्ताक्षर करते हैं।
कोर्ट मैरिज कहाँ पर होती है
सामान्यतः कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में ही होती है। अगर आप सोच रहे हैं कि घर बैठे court marriage कैसे करें तो यह भी संभव है।
Marriage officer के क्षेत्राधिकार से उचित दूरी में आने वाले स्थान पर यह संभव है। इसके लिए आपको officer को तय स्थान और समय पर आने का निवेदन करना होगा। साथ ही इसके लिए तय सरकारी शुल्क देना होगा।
कोर्ट मैरिज करने के लिए क्या कागज़ चाहिए
Passport size Photograph
लड़के और लड़की की 2 passport size फोटो साथ रखें। आप कोशिश करें कि अपने साथ कुछ extra भी रख सकते हैं। दोनों witness की भी एक photo साथ रखें। फोटो ज्यादा पुरानी न रखें।
पहचान पत्र
लड़के, लड़की और दो witness का पहचान पत्र संलग्न करें। अगर आप online apply कर रहे हैं तो विवाह के समय original साथ ले जाना न भूलें। पहचान पत्र में आप आधार, पासपोर्ट, वोटर कार्ड, PAN Card, Driving License लगा सकते हैं।
स्थानीय एवं स्थायी पते का प्रमाण
लड़का लड़की और witness का address proof में आप आधार, पासपोर्ट,voter card, राशन card लगा सकते हैं। यह आपको अपने वर्तमान स्थानीय पते और आपके स्थायी पते (permanent address) दोनों के लिए लगाना है।
जन्मतिथि का प्रमाण
जन्मतिथि के प्रमाण के लिए municipal corporation द्वारा जारी किया गया birth certificate या इसके न होने की स्थिति में दसवीं कक्षा का certificate लगा सकते हैं।
Affidavit
Special Marriage Act के schedule में affidavit का प्रारूप दिया गया है। कोर्ट के बाहर बैठे किसी भी वकील या नोटरी वाले से आप यह बनवा सकते हैं। ध्यान दें कि उसने format के अनुसार ही इसे बनाया है अन्यथा बाद में आपका समय उसे ठीक कराने में व्यर्थ होगा।
तलाकशुदा हैं तो तलाक प्रमाण
अगर लड़के या लड़की में से कोई तलाकशुदा है तो कोर्ट का तलाक आर्डर संलग्न करें।
विधुर या विधवा हैं तो मृत साथी का मृत्यु प्रमाण पत्र
अगर लड़के या लड़की के पहले शादीशुदा साथी की मृत्यु हो चुकी है तब उसका मृत्यु प्रमाण पत्र अवश्य लगाएँ।
विदेशी नागरिक के लिए अतिरिक्त Documents
Passport और Visa
लड़का लड़की में से कोई विदेशी नागरिक है तब उसका passport और उसके stay के legal proof के लिए visa की कॉपी लगाएं।
भारत में विदेशी दूतावास से NOC
जिस देश के नागरिक हैं, भारत में स्थित उस देश की embassy से marital status के लिए NOC लें। इसकी कॉपी शादी की application के साथ संलग्न करें और original साथ लेकर अवश्य जाएं।
यहाँ ध्यान रखें कि आप जब registrar office जाएँ तब सभी काग़ज़ों की 4 से 5 कॉपी लेकर जाएँ और original भी साथ रखें।
Court Marriage के समय ध्यान रखने योग्य बातें
- Court में documents की शायद एक ही copy चाहिए हो पर आप कम से कम 5 कॉपी लेकर अवश्य जाएं।
- Affidavit एक बेहद ज़रूरी कागज़ है तो इसे पहले से अवश्य पढ़ें कि ये सही format में बना है और जानकारी भी सही है।
- Witness के documents की कॉपी और photograph अपने पास पहले से ही रख लें और सुनिश्चित करें कि वो original अपने साथ लेकर आए।
- Court मैरिज के लिए जाते समय एक साधारण कचहरी के कार्य की तरह अच्छे लेकिन आरामदायक कपङे पहनकर जाएं। यहाँ आपको दूल्हा दुल्हन वाला red carpet treatment नहीं मिलेगा।
- अगर आप परिवार के डर से court marriage कर रहे हैं और आपको उनसे खतरा महसूस होता है तो किसी अच्छे वकील से बात कर ही प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। वह आपको सरकारी सुरक्षा प्रदान करा सकते हैं।
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यह थी कोर्ट मैरिज से संबंधित जानकारी। आशा करती हूँ आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और आप समझ गए हैं कि भारत में court marriage कैसे की जाती है ।
आपका कोई प्रश्न हो या सुझाव हो तो मुझे comment section में अवश्य लिखें।

रस्म और रिवाज़ हैं, एक दूसरे के हमदम!
कलम से पहरा इनपर, रखती हूँ हर दम!