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दुविधा में हैं! बेटी की शादी में कम खर्चा कैसे करें ? सामाजिक दबाव में किया गया खर्च लड़की को भी पिया मिलन की ख़ुशी कम और पिता पर चढ़ रहे क़र्ज़ की फ़िक्र ज्यादा देता है।     

आज मैं संस्कारी सुरभि, इस ब्लॉग में आपको बताउंगी कि Budget friendly शादी कैसे करें। 

शादी में कम खर्चा कैसे करें

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शादी में कम खर्चा कैसे करें ? Budgeted luxurious शादी के effort वाले Tips    

शादी में दिखावे और खर्चे का कोई उच्चतम स्तर नहीं है। Budget friendly शादी कैसे करें इसकी कुंजी सही बजट बनाने और उसे निभाने में ही है।

 

शादी का बजट परिवार के सब सदस्यों के साथ बनाएं 

समाज के दबाव में बजट के बाहर खर्च न करें जिससे बाकी जिंदगी कर्ज उतारने में गुजरे। बजट बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें। 

 

बजट पूरे परिवार के साथ बनाएं। कोई भी खर्चा अंत में धप्पा कर आपका बजट न हिलाने पाए। जैसे, किन्नरों का शगुन, waiters की tip, फेरों में गोदान की संकल्प राशि आदि।      
बच्चों को, खासकर दुल्हन को बजट में करें शामिल। सब चलता है, शादी एक ही बार होती है वाला dialogue उनके दिमाग से पहले ही निकल दें।   
खर्चे और बजट को नियमित रूप से compare करें। इसके पड़ाव निर्धारित कर लें।  

 

शादी की तारीख कुछ समय हाथ में लेकर निर्धारित करें     

झट मंगनी पट ब्याह वो कहावत है जो अक्सर घर के finances पर भारी पड़ती है। जल्दीबाज़ी की तैयारी में हर चीज़ के options देखने और परखने का समय नहीं मिलता है। 

कोशिश करें कि शादी की तारीख हाथ में समय रखकर पक्की करें। इससे आपको हर इंतजाम देख कर चुनने का विकल्प मिलेगा। शादी के साये में एक से अधिक तारीख होती हैं। जिस दिन साया भारी है उस तारीख का चयन करने से बचें। कोशिश कर सर्दियों की तारीख चुनें। न AC / कूलर्स का खर्च, न खाना जल्दी ख़राब होने का डर।  🙂       

 

मेहमानों की गिनती सूचीबद्ध करें 

भारत में शादियां सामाजिक दबाव और औपचारिकता के कारण ही महंगी हैं। कोशिश करें आगंतुकों की लिस्ट में अपने हों, औपचारिक connections नहीं। लिस्ट जितनी छोटी और भावनात्मक जुड़ाव वाले रिश्तों से भरी होगी शादी में उतना ही उत्साह ज्यादा और खर्चा कम होगा। 

उन रिश्तेदारों को भी सूचीबद्ध करें जो शादी की जिम्मेदारी साझा कर सकते हैं। इससे आप catering, decoration जैसे काम outsource न कर खुद करने का plan कर सकते हैं। 

     

शादी के लिए Venue चयन करते समय ध्यान दें कुछ बातें 

समय रहते venue ढूंढें 

विवाह की तारीख पक्की होते ही venue ढूंढना शुरू कर दें। इससे विकल्प परखने और उन पर negotiate करने का समय मिलेगा।   

Venue आगंतुकों की संख्या के अनुसार चयन करें 

Gathering के अनुसार venue book करें। बड़े venue पर decoration में ज्यादा खर्च होगा। साथ ही कम लोगों में बड़ा venue मेहमानों से मिलना भी मुश्किल बनाता है। 

केवल Brand value पर न जाएँ 

Brand value पर न जाकर personal experience को परखें। आगामी शादी में venue जाकर उनके इंतजाम को परखें। यह मैं अपने अनुभव से कह रही हूँ।      

शहर के थोड़ा बाहर जाकर explore करें 

अगर शहर के अंदर venue महंगे हैं तो बाहर निकल कर खोजें। भारी साये वाले दिन शादी है तब शहर के अंदर farms मिलने मुश्किल होते हैं और negotiation भी नहीं होता है। अतः तारीख को लेकर flexible रहे। 

Rate का अंतर कम हो तो घर के पास का विकल्प चुनें 

अगर बजट में अच्छा venue घर के करीब है लेकिन थोड़ा दूर उससे सस्ता, तो पास वाले को ही prefer करें।  शादी की तारीख आते आते आपके वहां बहुत चक्कर लगेंगे और इसमें पैसा और समय दोनों ही खर्च होगा।

   

खाने में कैसे बचाएं खर्च 

आजकल Plate system आम है। चाहे कोई एक रोटी खाए पर पैसे पूरी प्लेट के देने पड़ते हैं। इसके विपरीत पहले हलवाई को बैठाया जाता था। देखते हैं दोनों के मध्य अंतर्। 

खर्चे का nature 
Plate System

Variable

हलवाई 

Fixed 

Menu की choice 
Plate System

out of menu – additional charges 

हलवाई 

हलवाई से जो मर्जी बनवा लें। 

Minimum Guarantee (MG)
Plate System

अनिवार्य 

MG से कम लोगों विकल्प नहीं

हलवाई 

अनावश्यक 

MG की आवश्यकता नहीं

Extra Gathering में Plate Risk 
Plate System

अतिरिक्त plate – ज्यादा खर्च 

caterer की monitoring required   

हलवाई 

ज्यादा लोगों में अतिरिक्त खर्च नहीं 

20% ज्यादा लोग भी खा सकते हैं।   

मेहनत 
Plate System

विवाह के बाद venue छोड़ निश्चिन्त निकलते हैं।   

हलवाई

शादी बाद बचा खाना समेटना होता है 

खाने का स्वाद 
Plate System

Caterer की गारंटी पर booking होती है।  

हलवाई

हलवाई के हाथ का स्वाद है निर्णायक।  

आशा है उपरोक्त सारणी से आपको चयन करने में आसानी होगी। मेरा सुझाव है कि विकल्प कोई भी चुनें आगंतुकों की संख्या 20% कम बताएं। दोनों ही विकल्प में इतने अतिरिक्त मेहमानों को खिलाने की क्षमता रहती है।

 

Decoration में सूझबूझ से करें बचत 

शादी की सजावट में मोटा खर्चा है फूलों का जबकि शामियाने में जान तो अच्छी lights भी डाल देती हैं। आजकल बैंक्वेट के interior में बेहद खूबसूरत mirror work और lights होती हैं। इसमें ज्यादा सजावट की जरूरत ही नहीं होती है। आप ऐसा venue चुनें जिसमें सजावट की जरूरत कम हो।  

इसके बाद इसमें ताज़े फूलों की खुशबू जोड़ने के लिए आप खूबसूरत रंगोली बनवा लें जो मंडप को सुगन्धित कर आगंतुकों का मन प्रसन्न कर देगी।   

 

Gold है सबसे बड़ा खर्च जिसको चाहिए वर्षों की planning 

भारतीय विवाह में गोल्ड सबसे बड़ा खर्च होता है जिसका रेट साल दर साल बढ़ता ही रहता है। आवश्यक है कि आप समय रहते ही अच्छा rate मिलने पर गोल्ड खरीद लें। बहुत पहले खरीद रहे हैं तब कोशिश करें कि आप गोल्ड coin या biscuit ही खरीदें। बाद में चॉइस बदलने या size फर्क होने पर आपको making charges का नुकसान नहीं झेलना होगा।       

   

कपड़ों पर न करें शादी में फिज़ूल खर्च  

दुल्हन के कपड़े, दूल्हे को देने के लिए कपड़े, रिश्तेदारों को देने के लिए कपड़े, घरवालों के लिए कपड़े। शादी में कपड़ों का खर्च भी कम नहीं होता है। 

Off Season sale 

Shopping Malls की offseason या festive sale! पुराने ट्रेंड को देखकर, शादी से पहले अगली sale कब लगेगी इसको ध्यान रखें।   

Rental Clothes 

अच्छे महंगे शादी पार्टी के कपड़े आजकल online cloth rental sites से मिल जाते हैं। घर में बच्चों को एक दिन की शादी के लिए कपड़े खरीदने की जगह यह विकल्प चुनने को कहें। दुल्हन को भी।   

पुराने कपड़ों को दें नया अंदाज़ 

आजकल फ्यूज़न का ज़माना है। घर के सब सदस्य पुराने कपड़ों को नए स्टाइल में पहन सकते हैं। यहाँ तक कि दुल्हन भी बहन या भाभी की शादी का लहंगा पहन सकती है। इतने महंगे लहंगे जीवन में सिर्फ एक दिन पहने जाते हैं। यह सिर्फ पैसे की ही नहीं पर्यावरण की भी हानि है। पहले ऐसा ही होता था।  

अगर आपको यह पुराने ज़माने की बात लगती है तो बता दूँ कि मेरी शादी का लहंगा भी मेरी एक cousin ने पहना था। इसमें कोई हीन भावना की बात नहीं है यह समझदारी की बात है। बिटिया को समझाएं कि जादू लहंगे में नहीं दुल्हन के सोलह श्रृंगार का होता है। 

थोक बाजार छानें 

थोक बाजार का पता करें और बाज़ार को समझें। लिस्ट बनाकर एक साथ कपड़े खरीदें ताकि बार बार आने जाने में समय और पैसा व्यर्थ न हो। आपको थोक में खरीदारी का bulk discount भी मिलेगा। 🙂    

उदाहरणतः दिल्ली के 400 km के दायरे से लोग चांदनी चौक में खरीदारी करते हैं। अगर आपने नहीं देखा है तो आप नहीं जानते कि एक ही साड़ी अलग बाज़ार में 2000 से शुरू होकर 10000 तक भी मिल सकती है।      

ऑनलाइन शॉपिंग करें 

Online discounts को समझिये। यहाँ थोक बाज़ार से भी ज्यादा डिस्काउंट मिल जाते हैं। भरोसेमंद portal से ही आप शॉपिंग करें। समय लेकर शॉपिंग करें ताकि पसंद न आने पर reorder का समय हो।  

मेरी नन्द की शादी में मेरे समझदार और ऑनलाइन शॉपिंग expert पतिदेव ने सब साड़ियां घर बैठे ही आर्डर कर दी। उनके दाम और quality देखकर घर में सबकी ख़ुशी और हैरानी का कोई ठिकाना ही नहीं था। जितनी रखनी थी उतनी ही लौटाई भी पर शॉपिंग साइट भरोसे की थी तो उसमें हमारा कोई नुकसान नहीं हुआ। यहीं अगर हम थोक बाज़ार से जल्दी में कोई कटीफटी साड़ी उठा लाते तो वो वापिस भी नहीं होती। है न आराम भी और समझदारी वाला किफायती option भी 🙂          

  

निमंत्रण पत्र पर व्यर्थ न खर्च करें 

Simplicity is new fashion! निमंत्रण पत्र बिलकुल simple रखें। जिसको भी देंगे वह शादी के दिन तक ही देखेगा। कोशिश करें कि थोक बाज़ार में जाकर कार्ड चुनें। दिल्ली के चावड़ी बाज़ार में 5 rs से कार्ड शुरू होता है और महंगे की कोई limit नहीं है।    

आज के मोबाइल युग में निमंत्रण कॉल कर card whatsapp पर भी चलता है। संग में आने वाले की सहूलियत के लिए location भी जोड़ दीजिये।       

 

कुछ खर्चे जोड़कर बजट में दें शादी को आलीशान look 

बचाने की बात हो गई अब बात बात करेंगे खर्चने की। ऊपर की हुई savings को छोटी छोटी चीजों में जोड़कर आप शादी को premium wedding look दे सकते हैं।  

DJ vs Live Band 

Dj venue package में नहीं है? किसी नए orchestra band को कम दाम में बुला सकते हैं। यह ढूंढने पर आपको 15 हज़ार में भी मिल सकते हैं। 

Bouncy 

बच्चों वाले अतिथियों के लिए खाने से ज्यादा ज़रूरी और आनंददायक होता है कि बच्चो के पीछे न भागना पड़े। उनके लिए मात्र 3 से 7 हज़ार में इसे book करें। 

Soft Play area 

PV mats से तैयार soft play area और उसमें activities जैसे छोटे झूले, ट्रेन आदि व खिलौने बच्चों को बाहर ही नहीं निकलने देते। यह 10 -15 हज़ार में भी लग जाता है। 

अपनी नन्द की शादी में मैं काम में व्यस्त थी ऐसे में मेरे तीन साल के बेटे को playzone में देखने की ज़िम्मेदारी मैंने उनके play area coordinator को दी थी। काम और अपने बेटे को balance करने के लिए बनवाया हुआ यह playzone हमारे मेहमान अभिभावकों के लिए एक बड़ा ही surprising element था। 

Tattoo artist और walking cartoons 

आप किसी tattoo आर्टिस्ट (2 -5 हज़ार) एवं walking cartoons in costume (2 से 5 हज़ार) को भी arrange कर सकते हैं।     

 

हमारे घर की शादी में live musical band, soft play area और jungle theme bouncy अतिथियों का सबसे मनपसंद आकर्षण था। इससे बच्चों के parents ने शादी को अच्छे से enjoy किया।  यह सबके लिए unique चीज थी। 

 

मुझे उम्मीद है कि इन बातों का ध्यान कर आप शादी में फ़िज़ूल खर्च कम कर कम खर्च में आलीशान शादी कर सकते हैं। खर्च बचाने के अलावा जहाँ खर्च कर रहे हैं वहां भी ठोक बजाकर करें। स्वर्ण आभूषण जैसे अंगूठी एवं अन्य jewellery खरीदते वक़्त उसकी गुणवत्ता निश्चित कर लें। 

मुझे comment कर अवश्य बताएं, आपको ब्लॉग का कौन सा हिस्सा सबसे ज्यादा पसंद आया। यह भी बताएं कि आपको शादी में किन बातों से सहायता मिली है।